अब 16 साल से कम उम्र के बच्चे को नहीं होगा कोचिंग में नामांकन

अब 16 साल से कम उम्र के बच्चे को नहीं होगा कोचिंग में नामांकन

  • छात्रों-शिक्षकों को एक दिन का साप्ताहिक अवकाश देना होगा। उसके अगले दिन कोई टेस्ट नहीं होगा। प्रमुख त्योहारों के दौरान अवकाश ऐसे तय हों कि बच्चे परिवार के साथ रह सकें।
  • पंजीकरण के बाद ही कोचिंग शुरू हो सकेगी। मौजूदा कोचिंग को तीन महीने में पंजीकरण के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
  • किसी संस्थान की कई ब्रांच हैं तो सभी अलग यूनिट होंगी।
  • छात्रों के लिए जरूरी जगह और संसाधन नहीं हैं, तो पंजीकरण नहीं होगा। प्रति छात्र न्यूनतम 1 वर्गमीटर जगह होनी चाहिए।
  • सभी पंजीकृत छात्रों को नोट्स व पाठ्य सामग्री बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के देनी होगी।
  • किसी एक कोर्स की फीस लेने के बाद बढ़ाई नहीं जा सकेगी।
  • कोचिंग में जहां भी जरूरी हो, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
  • स्कूल की समय अवधि में कोचिंग नहीं लगेगी। ऐसा डमी स्कूलों से बचने के लिए है।
  • छात्र और शिक्षक का अनुपात सही रखना होगा।
  • इंजीनियरिंग, मेडिकल के अलावा अन्य विकल्प बताने होंगे।
  • छात्रों के टेस्ट का परिणाम सार्वजनिक नहीं करेंगे।
  • कोचिंग केवल रजिस्टर्ड जगह पर ही चल सकेगी।
  • कोचिंग ऐसे शिक्षक या व्यक्ति की सेवा नहीं ले सकते, जो नैतिक कदाचार से जुड़े अपराध का दोषी ठहराया गया हो।
  • अपनी वेबसाइट पर शिक्षकों की योग्यता, पाठ्यक्रम/पाठ्य सामग्री, अवधि, छात्रावास की सुविधा और फीस का विवरण होगा।
  • छात्रों को तनाव से निपटने के लिए दखल तंत्र स्थापित करना होगा।
  • फीस पारदर्शी व तार्किक हो। हर बच्चे को फीस की रसीद दी जाए। छात्र बीच में कोर्स छोड़े तो बची अवधि की फीस लौटाई जाए।
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