बिना परीक्षा दिए मिल रहा है सरकारी नौकरी - विधालय में गार्ड की

बिना परीक्षा दिए मिल रहा है सरकारी नौकरी – विधालय में गार्ड की

बिना परीक्षा दिए मिल रहा है सरकारी नौकरी – विधालय में गार्ड की:-राज्य के मध्य विद्यालयों में भी अब रात्रि प्रहरियों की बहाली होगी। ताकि, विद्यालयों में उपलब्ध उपस्कर, बेंच-डेस्क, बर्तन, स्मार्ट क्लास, पंखे आदि की सुरक्षा हो सके। कई जगहों से मध्य विद्यालयों में चोरी की शिकायतें मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है। रात्रि प्रहरी की सेवा अंशकालिक होगी और इसके लिए एकमुश्त मानदेय का भुगतान किया जाएगा। विभाग ने यह भी साफ किया है कि चयनित रात्रि प्रहरी को उनके ही गांव में अवस्थित विद्यालयों में कार्य करने की अनुमति नहीं होगी।

विभाग ने इसको लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि राज्य में 29,029 मध्य विद्यालय हैं। इनमें 889 विद्यालयों में रात्रि प्रहरी की व्यवस्था है, जिसमें आईसीटी लैब स्थापित हैं। अब, शेष 28 हजार 140 विद्यालयों में भी 5000 रुपये मासिक मानदेय पर रात्रि प्रहरी रखे जाएंगे। विभाग ने कहा है कि सभी विद्यालयों में साफ-सफाई के लिए एजेंसी की सेवा ली जा रही है। एजेंसी के कर्मियों के द्वारा शौचालय एवं परिसर की सफाई की जाती है। ऐसे में यह बेहतर होगा कि सफाई कर्मी को ही उस विद्यालय के रात्रि प्रहरी की जिम्मेदारी दी जाये। इससे विद्यालय की सुरक्षा भी होगी और सफाई कर्मी अत्यंत गरीब वर्ग से आते हैं, उन्हें पांच हजार अतिरिक्त प्राप्त होंगे।

विभाग ने यह भी कहा है कि मध्याह्न भोजन योजना के तहत कार्यरत पुरुष रसोइये को भी रात्रि प्रहरी के रूप में कार्य कराने की अनुमति प्रदान की जाती है। यह ध्यान रखा जाएगा कि जिन विद्यालयों में रसोइये को रात्रि प्रहरी के रूप में रखा जाएगा,
वहां पर सफाई कर्मी को यह जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। संबंधित एजेंसी रात्रि प्रहरी को वर्दी भी उपलब्ध कराएगी, जिससे उनकी पहचान सहजता से हो सके।

विभाग ने जारी आदेश में कहा है कि राज्य में 5921 माध्यमिक विद्यालयों में पूर्व से रात्रि प्रहरी की व्यवस्था है। इसके बाद भी इन विद्यालयों में सामान-उपस्कर की चोरी होने की शिकायतें प्राप्त होती हैं। ऐसे में यह उचित होगा कि इन रात्रि प्रहरियों की सेवा भी उन्हीं हाउसकीपिंग एजेंसी के माध्यम से ली जाए। ताकि, संबंधित एजेंसी यह जिम्मा ले सकें कि कोई सामान चोरी होती है तो उसकी भरपाई उनके मासिक बिल से की जाएगी।

रात्रि प्रहरी की सेवा के दौरान यदि किसी भी प्रकार की चोरी होती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी संबंधित एजेंसी की होगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी एजेंसी के मासिक बिल से चोरी हुए सामान के समतुल्य राशि की कटौती करेंगे। इस राशि से चोरी हुई सामान की खरीद की जाएगी।

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