मैट्रिक रिजल्ट में बडा़ घोटाला | मैट्रिक इंटर कम्पार्टमेंटल परीक्षा का रिजल्ट डेट जारी

मैट्रिक रिजल्ट में बडा़ घोटाला | मैट्रिक इंटर कम्पार्टमेंटल परीक्षा का रिजल्ट डेट जारी

मैट्रिक रिजल्ट में बडा़ घोटाला | मैट्रिक इंटर कम्पार्टमेंटल परीक्षा का रिजल्ट डेट जारी:-विहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 31 मार्च को जारी मैट्रिक के रिजल्ट में हेरफेर किए जाने के मामले में बोर्ड ने आईटी सेक्शन के दो कर्मियों प्रोग्रामर चंदन किशोर सुमन व सिस्टम एनालिस्ट पंकज कुमार के खिलाफ कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया है। बोर्ड के निगरानी पदाधिकारी राजीव कुमार की ओर से एफआईआर की गई है।

9 मई को ही दैनिक भास्कर ने छोत्रों के रिजल्ट के साथ हेरफेर के इस खेल का भंडाफोड़ किया था। 9 मई को ही बोर्ड की तरफ से कोतवाली में प्राथमिकी का आवेदन दे दिया गया और 10 मई को पटना के कोतवाली थाने में दोनों आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया गया। चंदन किशोर सुमन और पंकज कुमार के विरुद्ध आईपीसी की विभिन्न धाराओं 367, 368, 371 और 420 के तहत केस दर्ज किया गया है। दैनिक भास्कर ने मामले की पड़ताल के बाद खेल का खुलासा किया था।

31 मार्च को जारी रिजल्ट में कुछ वैसे छात्रों को फर्स्ट डिविजन से पास किया गया था जो वास्तव में फेल थे। पकड़े जाने के डर से बोर्ड के कर्मियों ने दोबारा रिजल्ट में परिवर्तन किया और फर्स्ट डिविजन को फिर से फेल कर वेबसाइट पर नया रिजल्ट अपलोड कर दिया। बोर्ड के निगरानी पदाधिकारी ने प्राथमिकी में यह माना है कि मामले की गहन जांच एवं छानबीन के क्रम में यह भी पाया गया कि पंकज कुमार सिस्टम एनालिस्ट (माध्यमिक) तथा चंदन किशोर सुमन, प्रोग्रामर (उ.मा.) द्वारा कतिपय अन्य विद्यार्थियों के प्राप्तांक में भी बदलाव किया गया है।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 31 मार्च को मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था। इसमें बोर्ड के कर्मियों ने हेरफेर करते हुए कुछ विद्यार्थियों को फर्स्ट डिविजन से पास कर दिया था जो वास्तव में फेल थे। इस मामले में 7 मई को जब दैनिक भास्कर ने चार बार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर से बात करनी चाही लेकिन उन्होंने कॉल रिसिव नहीं की। वाट्सएप मैसेज का भी जवाब नहीं दिया। बाद में बोर्ड के पीआरओ राजीव द्विवेदी ने कॉल कर कहा अध्यक्ष फ्री नहीं हैं। आप 10 मई को आकर बात कीजिए।

इसी बीच बोर्ड कर्मियों को खुद के पकड़े जाने का डर हुआ तो 8 मई को विज्ञापन प्रकाशित कर रिजल्ट संशोधित करते हुए वेबसाइट पर भी अपडेट कर दिया। हेराफेरी कर जिन्हें फर्स्ट दिखाया गया था, अब उन्हें फेल कर दिया। दरअसल, इसे लेकर पुरुषोत्तम झा नामक व्यक्ति ने 3 अप्रैल को विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को पत्र लिख गड़बड़ी की जानकारी दी थी। 13 अप्रैल को बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर और सीएम को भी चिट्ठी भेजी थी। इसमें रोल नंबर का भी जिक्र था। शेष पेज 13 पर मैट्रिक की परीक्षा देने वाले छात्रों की कॉपी जांच के बाद उसके नंबर को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के आईटी सेक्शन को भेजा जाता है।

आईटी सेक्शन के कर्मचारी रिजल्ट तैयार करने के दौरान ऐसे छात्रों के नंबर के साथ छेड़छाड़ करते हैं जिनके साथ कथित तौर पर बिचौलियों के माध्यम से पहले डील हो चुकी होती है। बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को भेजी गई गोपनीय शिकायत में आरोप है कि यह काम आईटी सेक्शन में तैनात आईटी प्रोग्रामर चंदन किशोर सुमन और सिस्टम एनालिस्ट पंकज कुमार के द्वारा ही किया जा रहा था।

  • 1 जिन दो प्रोग्रामर चंदन किशोर सुमन और सिस्टम एनालिस्ट पंकज कुमार पर रिजल्ट में छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं वे दोनों नौकरी छोड़ भाग निकले। चंदन ने सचिव को वाट्सएप पर इस्तीफा भेजकर परिवार के सदस्यों का बीमार होना कारण बताया।
  • 2 इसी तरह सिस्टम एनालिस्ट पंकज कुमार ने भी बोर्ड सचिव को भेजे इस्तीफे में कारण खुद को बीमार होना बताया है। दिलचस्प बात यह कि दोनों ने अपना इस्तीफा 27 अप्रैल 2024 को ही भेजा। दोनों ही कर्मचारी कांट्रैक्ट पर बहाल हुए थे।

मामले की शिकायत 3 अप्रैल को ही विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और फिर 13 अप्रैल को बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर के साथ-साथ मुख्यमंत्री से की गई थी, लेकिन इस मामले अब तक न तो किसी के खिलाफ एफआईआर हुई और न ही दोषियों पर कार्रवाई। अब सवाल उठता है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इस मामले में दोषियों पर कब तक कार्रवाई करती है।

एमजेएन गिरी जेएन साह स्कूल, चकसिकंदर, वैशाली का छात्र सुमित कुमार, पिता-झामन राय, रॉल कोड 53..9, रॉल नंबर 2400..9, 31 मार्च को बोर्ड द्वारा वेबसाइट पर जारी रिल्ट में फर्स्ट डिविजन दिखाया गया। उसे कुल 341 नंबर दिए गए थे। अब नया रिजल्ट जारी किया गया है जिसमें उसे 184 नंबर देकर फेल दिखाया गया है। इसी तरह इसी स्कूल के विनय कुमार, पिता-दिनेश राम, रॉल कोड-5..19, रॉल नंबर-24..401 है, को भी फर्स्ट डिविजन दिखाया गया था और अब फेल कर दिया गया है।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के इंटर विशेष एवं कंपार्टमेंटल परीक्षा 2024 की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 16 से 18 मई तक किया जाएगा। मूल्यांकन कार्य चार जिलों पटना, नालंदा, गया और दरभंगा में होगा। बोर्ड ने उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए कार्यरत विषयवार शिक्षकों में से आवश्यकतानुसार सह-परीक्षकों की नियुक्ति कर नियुक्ति-पत्र तथा एमपीपी का नियुक्ति-पत्र वेबसाइट http://biharboardonline. bihar.gov.in पर अपलोड कर दिया है। पटना, नालंदा, गया एवं दरभंगा जिलों के प्लस टू स्तर के मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के प्रधान से अनुरोध है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से सह परीक्षक का नियुक्ति पत्र स्वयं प्राप्त कर मूल्यांकन कार्य के लिए विरमित करना सुनिश्चित करेंगे। विद्यालय के प्रधान विधिवत् प्राधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से भी सह परीक्षक का नियुक्ति पत्र प्राप्त कर मूल्यांकन कार्य के लिए शिक्षकों को विरमित कर सकते हैं।

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