BPSC टॉपर बनना चाहते हैं - तो टॉपर से सुनिए मूल मंत्र

BPSC टॉपर बनना चाहते हैं – तो टॉपर से सुनिए मूल मंत्र

BPSC टॉपर बनना चाहते हैं :-बीपीएससी में सफलता पाए टॉपरों ने सेल्फ स्टडी से यह मुकाम हासिल किया है। पहले प्रयास में ही पहला रैंक लाने वाली प्रियांगी मेहता हो या दूसरे स्थान पर रहने वाले आईआईटीयन अनुभव। सबने सेल्फ स्टडी का सहारा लेकर ही सफलता पाई। 10 में से छह अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनको यह सफलता पहले प्रयास में मिली है, जबकि चार दूसरे प्रयास में चयनित हुए।

10 टॉपरों में छह बेटियां, सबने कहा- सेल्फ स्टडी ही सफलता का मूलमंत्र

जहानाबाद के रहने वाले अनुभव ने बिहार लोक सेवा आयोग रैंक 2 की परीक्षा में सफलता प्राप्त किया है। उन्होंने अपने पहला प्रयास में ही दूसरा रैंक लाया है। इनकी स्कूली शिक्षा डीएवी स्कूल जहानाबाद से हुई है। वहीं आईआईटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद सिविल सेवा की तैयारी में लग गए। इस बार दूसरे प्रयास में वो यूपीएससी परीक्षा में भी इंटरव्यू तक पहुंच चुके हैं। इनके पिता रंजीत कुमार सरकारी स्कूल के शिक्षक हैं। वहीं इनकी मां माधुरी देवी गृहिणी है। छोटी बहन पटना वीमेंस कॉलेज से
बीकॉम कर रही है।

हाजीपुर की प्रेरणा ने अपने पहले प्रयास में तीसरा रैंक पाया है। इनकी स्कूलिंग धनबाद से हुई है। बीटेक वर्धमान यूनिवर्सिटी से किया है। इनके पिता रैंक 3 से किया है। और माता शीला सिंह झारखंड हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। से इनका उद्देश्य यूपीएससी करना है

पटना की अंजली जोशी को चौथा रैंक प्राप्त हुआ है। ये अभी एपीओ के पद पर आसीन हैं। इन्होंने पटना सेंट्रल स्कूल से 10वीं पास की है। ग्रेजुएशन एनआईटी जयपुर रैंक 4 कंप्यूटर साइंस में किया है। पिता विजय प्रसाद सेवानिवृत्त हैं, माता अंजू देवी गृहिणी हैं।

पटना के रहने वाले सौरभ रंजन को पहले प्रयास में बीपीएससी में पांचवां रैंक प्राप्त हुआ है। इनका विषय भूगोल था। इनके पिता कोल इंडिया से सेवानिवृत्त है औध्य रैंक माता नीलम गृहिणी हैं। इन्होंने इसका सारा श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।

छठा रैंक पाने वाले आसिम खान को सेल्फ स्टडी से यह सफलता मिली है। ये कैमूर जिला के रहने वाले हैं। इन्होंने इतिहास विषय से परीक्षा दी है। इन्होंने दूसरे प्रयास रैंक में छठ स्थान प्राप्त किया है। 67वीं बीएससी में इनका रैंक 115 आया था।

7वां रैंक लाने वाली अंजली प्रभा गया की हैं। दिल्ली विवि से ग्रेजुएशन किया है। पिता डॉ ब्रह्मचारी अजय कुमार जो की हाई स्कूल के शिक्षक हैं और उनकी माता नीलम कुमारी रैंक गृहिणी हैं। बीपीएससी 67वीं में इनका 158 बैंक आया था या उनका दूसरा प्रयास था।

रैंक 8 पाने वाली अनुकृति मिश्रा मधुवनी की हैं। ग्रेजुएशन जामिया यूनिवर्सिटी से पीजी दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया है। तीन भाई बहन हैं। उनके पिता इफ्को से रिटायर्ड हैं रैंक 8 और उनकी माता ममता मिश्रा गृहिणी हैं। यह इनका दूसरा प्रयास था।

अपने पहले प्रयास में नौवां रैंक लाने वाले आकाश कुमार पश्चिमी चंपारण के रहने वाले हैं इन्होंने अपनी स्कूलिंग गांव से की है और बीएचयू से ग्रेजुएशन रैंक किया है । उनके पिता ब्रजेश ठाकुर किसान हैं और माता सरिता देवी गृहिणी हैं।

10वीं रैंक लाने वाली मिमांसा भागलपुर की रहने वाली हैं। इनकी स्कूलिंग भागलपुर से हुई है। ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से और पोस्ट ग्रेजुएशन जेएनयू से किया है। भाई बहन हैं। रैंक 10 इनके पिता मिथिलेश कुमार यादव कोऑपरेटिव डिपार्टमेंट में सरकारी जॉब करते हैं।

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