IAS बनने से पहले सीसैट का परीक्षा निकालना पडेगा - ऐसे होता है परीक्षा

IAS बनने से पहले सीसैट का परीक्षा निकालना पडेगा – ऐसे होता है परीक्षा

IAS बनने से पहले सीसैट का परीक्षा निकालना पडेगा – संघ लोक सेवा आयोग, हर साल अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सिविल सेवाओं की विभिन्न रिक्तियों को भरने के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है. राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हो ने वाली यह परीक्षा देश की सर्वाधिक कठिन परीक्षा मानी जाती है, जिसमें देश का हर ग्रेजुएट एक बार अपनी किस्मत जरूर आजमाना चाहता है.

हाल के वर्षों के ट्रेंड को देखें, तो • इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैनेजमेंट वाले युवाओं का रुझान सिविल सेवा की ओर बढ़ा है और वे इसमें सफल भी हो रहे हैं. सिविल सेवा के प्रति बढ़ते रुझान का कारण केवल इस सर्विस की सैलरी और सुविधाएं ही नहीं हैं, बल्कि इस सर्विस के माध्यम से नेतृत्व करने, देश की जनता से सीधे जुड़ने और सामजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करने का जो अवसर मिलता है, वह अधिक आकर्षक है. लेकिन, यह देश की सबसे कठिनतम परीक्षा मानी जाती है. पिछले वर्ष यूपीएससी प्रीलिम्स-2023 के लिए लगभग 13 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमे से केवल 14,624 अभ्यर्थी ही कट-ऑफ से अधिक अंक प्राप्त कर मुख्य परीक्षा के लिए चयनित हुए थे

बहरहाल, इस बार की सिविल सर्विसेज प्रिलिम्स परीक्षा 26 मई, 2024 को होगी, जिसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 5 मार्च, 2024 है. इस बार भी प्रिलिम्स परीक्षा में मनचाहा परीक्षा केंद्र पाने का अवसर है, जिसके लिए यूपीएससी ने ‘फर्स्ट अप्लाई, फर्स्ट अलॉट’ की पॉलिसी लागू की है. परीक्षा के कठिन स्तर, व्यापक और विविध विषयों का अध्ययन और इसमें शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की बड़ी तादाद को देखते हुए यह जरूरी है कि अभ्यर्थी तैयारी शुरू करने से पहले परीक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं को जान लें…

यह त्रि-स्तरीय सिविल सेवा परीक्षा का पहला एवं सबसे महत्वपूर्ण चरण है. इसमें प्रत्येक वर्ष लगभग 10-12 लाख अभ्यर्थी शामिल होते हैं, लेकिन 13-14 हजार ही मुख्य परीक्षा के लिए क्वालिफाई कर पाते हैं. प्रीलिम्स परीक्षा में 200-200 अंकों के दो प्रश्नपत्र होते हैं, जिनकी अवधि दो-दो घंटे की होती है. परीक्षा का पहला पेपर सामान्य अध्ययन का होता है, जिसमें इतिहास, भूगोल, राज-व्यवस्था, सामान्य विज्ञान, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण एवं सामयिक घटनाओं आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. प्रत्येक प्रश्न के लिए दो अंक निर्धारित है और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाते हैं.

प्रीलिम्स का दूसरा पेपर सीसैट है. इस पेपर में बोधगम्यता, संचार कौशल सहित अंतर-वैयक्तिक कौशल, तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता, निर्णयन और समस्या-समाधान, सामान्य मानसिक योग्यता आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. पिछले कुछ वर्षों में प्रीलिम्स के प्रश्नों में काफी बदलाव आया है इसलिए इसकी तैयारी नये अप्रोच के साथ होनी चाहिए-

  • प्रीलिम्स का स्वरूप यूं तो वस्तुनिष्ठ प्रकार का होता है, लेकिन इसके लिए तथ्यों के साथ-साथ अवधारणात्मक समझ जरूरी है. इसकी तैयारी पूरे सिलेबस को ध्यान में रखकर करें.
  • दोनों पेपर के किसी भी टॉपिक को पढ़ने से पहले उससे पूछे गये प्रश्नों का विश्लेषण भी करे, ताकि यह ज्ञात हो सके कि प्रश्न कहां से और किस प्रकार से पूछे जाते हैं.
  • पुस्तकों का अधिकाधिक संग्रह करने से बचें. हमेशा मानक पुस्तकें ही पढ़े और बार-बार पढ़ें यानी कम पुस्तकें ज्यादा बार पढ़ें. एनसीइआरटी की पुस्तकों को सर्वाधिक वरीयता दें.
  • दुर्लभ प्रश्नों से अधिक सामान्य प्रश्नों पर ध्यान दें, क्योंकि 10-15 प्रश्न ही दुर्लभ तथ्यों पर आधारित होते हैं.
  • परीक्षा में निगेटिव मार्किंग लागू है, गलत उत्तर देने का जोखिम न लें.
  • जो भी पढ़ें, ठोस पढ़ें. जिन बिंदुओं पर ‘ कंफ्यूजन ‘ हो उनके नोट्स बनाएं.
  • समसामयिक घटनाओं पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए इंटरनेट का भरपूर उपयोग करे. करेंट अफेयर्स को भी अच्छे से तैयार करें.

सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों-प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में होती है. इसमें प्रारंभिक परीक्षा एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, जिसकी प्रकृति वस्तुनिष्ठ एवं वैकल्पिक प्रकार की होती है. इसका उद्देश्य अभ्यर्थी के अध्ययन की व्यापकता एवं तत्काल निर्णय लेने की क्षमता को जांचना है. मुख्य परीक्षा एक लिखित परीक्षा है, जिसके तहत अध्ययन की गहराई एवं विश्लेषण क्षमता का परीक्षण होता है. परीक्षा के अंतिम चरण में साक्षात्कार के जरिये अभ्यर्थी के व्यक्तित्व के गुणों और उसकी समसामयिक विषयों के प्रति समझ व जागरूकता को परखा जाता है.

सीसैट पेपर कहने को तो क्वालीफाइंग है और इसमें न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक लाना ही पर्याप्त है, किंतु इसे नजरअंदाज करना पिछली बार बहुत अभ्यर्थियों के लिए घातक साबित हुआ है. एक तो इसका लेवल काफी कठिन हुआ है, दूसरे इसमें प्रैक्टिस अधिक चाहिए जो अभ्यर्थी नहीं करते. सीसैट सिविल सेवा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सामान्य अभिरूचि अथवा अभिवृत्ति की जांच है, जिसके माध्यम से अभ्यर्थी की व्यापक व सुस्पष्ट समझ शक्ति, निर्णयन क्षमता, तार्किकता, भाषा के माध्यम से प्रभावी संप्रेषण की योग्यता एवं विविध आंकड़ों को समझना और उनके आधार पर निर्णय लेना आदि बुनियादी योग्यताओं को परखना है, जो किसी भी प्रशासनिक अधिकारी के लिए आवश्यक गुण माने जाते हैं.

प्रीलिम्स में सफलता का मूलमंत्र प्रैक्टिस है. आप जितना प्रैक्टिस करेंगे उतना आपका ‘कॉन्फिडेंस’ बढ़ेगा और अपनी सफलता को लेकर ‘कन्फर्म’ होंगे, लेकिन तैयारी करते हुए अभ्यर्थी प्राय: स्टडी पर ही अधिक बल देते हैं और अंतिम समय में प्रैक्टिस करते हैं, जो ठीक नहीं. प्रक्टिस विषय के प्रति ‘कंफ्यूजन’ को दूर करती है. प्रैक्टिस करते हुए जिन विषयों एवं खंडों में कठिनाई महसूस हो, उसका एक बार रिवीजन कर लें. प्रारंभिक परीक्षा के अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाते.

  • कुल रिक्तियां : 1056.
  • आवेदन की अंतिम तिथि 5 मार्च, 2024.
  • परीक्षा की तिथि: 26 मई, 2024.
  • आयु-सीमा : सामान्य श्रेणी के लिए 21-32 वर्ष, ओबीसी के लिए 21-35 वर्ष, एससी/एसटी के लिए 21-37 वर्ष.
  • प्रयासों की संख्या : सामान्य / ईडब्ल्यूए के लिए 6, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 9, एससी/एसटी के लिए असीमित.
  • आवेदन शुल्क : 100 रुपये (महिलाओं और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क में छूट).
  • विवरण देखें: https://upsconline.nic.in

देश की सर्वाधिक चर्चित और प्रतिष्ठित सिविल सेवा (आइएएस एवं अन्य सेवाएं) में रुचि रखनेवाले युवाओं को हर साल जिस नोटिफिकेशन का बेसब्री से इंतजार रहता है, वह अब जारी हो चुका है. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा-2024 के लिए अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें इस बार 1056 रिक्तियों की घोषणा की गयी है. इस परीक्षा में सफलता को साकार करने की रणनीति बता रहे हैं एक्सपर्ट….

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